
पटना मेट्रो परियोजना अब अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है। शहरवासियों का लंबे समय से चला आ रहा इंतजार जल्द खत्म होने वाला है। प्राथमिक कॉरिडोर, जो मलाही पकड़ी से पाटलिपुत्र बस टर्मिनल (वैरिया) तक फैला है, उसका 90% से अधिक निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। यह कॉरिडोर करीब 6.2 किलोमीटर लंबा है और सतह पर स्थित होगा। अधिकारियों का कहना है कि तय समय-सीमा के अनुसार कार्य प्रगति पर है और 15 अगस्त 2025 से मेट्रो सेवा शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।
वर्तमान में प्राथमिक कॉरिडोर में मेट्रो स्टेशनों को अंतिम रूप देने का कार्य चल रहा है। स्टेशनों के अंदरूनी हिस्सों को यात्रियों की सुविधा के अनुसार सजाया-संवारा जा रहा है। साथ ही, मेट्रो ट्रैक बिछाने का कार्य भी जोरों पर है। अधिकारियों ने जानकारी दी है कि पटरी बिछाने का कार्य निर्धारित मानकों के अनुसार हो रहा है और तकनीकी परीक्षण भी जल्द शुरू होगा।
पटना मेट्रो परियोजना का पटना जंक्शन से आईएसबीटी (इंटर-स्टेट बस टर्मिनल) तक का सेक्शन भी निर्माणाधीन है। इस सेक्शन में अब तक करीब 88% कार्य पूरा किया जा चुका है। खास बात यह है कि इस हिस्से में भूमिगत सेक्शन भी शामिल है, जिससे यातायात पर कम असर पड़ेगा और यात्रियों को शहर के केंद्र में बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।
राजेंद्र नगर से पटना जंक्शन के बीच मेट्रो डिपो और यार्ड का निर्माण कार्य जारी है, जहां मेट्रो ट्रेनों की देखरेख और रख-रखाव किया जाएगा। इस हिस्से में लगभग 70.43% कार्य पूर्ण हो चुका है। यह यार्ड मेट्रो के संचालन के लिए रीढ़ की हड्डी की तरह कार्य करेगा।
दानापुर कैंट से खेमनीचक के बीच का सेक्शन विशेष महत्व रखता है क्योंकि इसमें मेट्रो का कुछ हिस्सा एलिवेटेड (ऊपर) और कुछ हिस्सा अंडरग्राउंड (जमीन के नीचे) होगा। इस सेक्शन में अब तक 61% काम पूरा हो चुका है। हालांकि इस मार्ग में निर्माण कार्य को लेकर कुछ चुनौतियाँ भी सामने आई हैं।
खेमनीचक स्टेशन के आसपास अतिक्रमण और एनएच-30 पर जाम की स्थिति निर्माण कार्य में रुकावटें पैदा कर रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि इन समस्याओं के समाधान के लिए जिला प्रशासन और मेट्रो कॉरपोरेशन मिलकर प्रयास कर रहे हैं। अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया तेजी से जारी है और उम्मीद की जा रही है कि शीघ्र ही समाधान निकाल लिया जाएगा।
पटना मेट्रो की सफलता के साथ-साथ राज्य सरकार अन्य शहरों में भी मेट्रो नेटवर्क विस्तार की योजना पर काम कर रही है। आने वाले वर्षों में गया, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और दरभंगा जैसे शहरों में भी मेट्रो सेवा शुरू करने का खाका तैयार किया जा रहा है।
गया में प्रस्तावित मेट्रो रूट 36 किलोमीटर लंबा होगा, जिसमें कुल 28 स्टेशन बनाए जाएंगे। यह राज्य में सबसे लंबा प्रस्तावित मेट्रो रूट होगा।
यहां दो कॉरिडोर बनाने की योजना है। पहला कॉरिडोर हरपुर बखरी से रामदयालु तक 13.85 किमी लंबा होगा, जिसमें 13 स्टेशन होंगे। दूसरा कॉरिडोर 7.40 किलोमीटर लंबा होगा, जिसमें 7 स्टेशन शामिल होंगे। कुल मिलाकर मुजफ्फरपुर में 21.5 किमी का मेट्रो नेटवर्क विकसित किया जाएगा।
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पटना मेट्रो न केवल राजधानी की यातायात व्यवस्था को आधुनिक बनाएगी, बल्कि राज्य में शहरी परिवहन का नया युग शुरू करेगी। उम्मीद की जा रही है कि 15 अगस्त 2025 से मेट्रो की गूंज पटना की सड़कों पर सुनाई देगी। यदि निर्धारित समयसीमा में कार्य पूर्ण होता है, तो यह बिहार के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी।
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