
बिहार सरकार ने स्कूली छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए एक अहम फैसला लिया है। अब प्रदेश में स्कूली बच्चों का ऑटो और ई-रिक्शा से सफर करना पूरी तरह प्रतिबंधित होगा। यह फैसला सड़क हादसों में वृद्धि और इन वाहनों में सुरक्षा उपायों की कमी को देखते हुए लिया गया है। बिहार पुलिस मुख्यालय यातायात प्रभाव द्वारा जारी आदेश के अनुसार, यह नियम 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगा।
राज्य सरकार का कहना है कि ऑटो और ई-रिक्शा में स्कूली बच्चों के सफर के दौरान सुरक्षा मानकों का सही तरीके से पालन नहीं होता। इन वाहनों में सीट बेल्ट, उचित बैकअप सपोर्ट, और ओवरलोडिंग रोकने जैसी व्यवस्थाएं नहीं होतीं, जिससे हादसों की आशंका बनी रहती है। बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अब स्कूल जाने के लिए इन वाहनों का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है।
21 जनवरी को दी गई थी चेतावनी, अब होगा सख्त एक्शन
बिहार सरकार ने पहले ही 21 जनवरी 2025 को इस नियम से जुड़ी सूचना समाचार पत्रों में प्रकाशित कर दी थी। लेकिन इसके बावजूद, ई-रिक्शा और ऑटो से छात्रों का स्कूल जाना जारी रहा। इसे रोकने के लिए अब यह फैसला सख्ती से लागू किया जाएगा। यदि प्रतिबंध के बावजूद कोई चालक इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बिहार पुलिस मुख्यालय का आदेश
बिहार पुलिस मुख्यालय ने स्पष्ट किया है कि “बिहार सरकार द्वारा स्कूली बच्चों के परिवहन हेतु ऑटो रिक्शा/ई-रिक्शा के संचालन को 1 अप्रैल 2025 से प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया गया है।” यह आदेश परिवहन विभाग, बिहार सरकार की अधिसूचना सं0-06/विविध (ई-रिक्शा) 07/2015 के तहत जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि ई-रिक्शा या ई-कार्ट का उपयोग स्कूली बच्चों के परिवहन में नहीं किया जाएगा।
सरकार ने अभिभावकों और स्कूल प्रशासन से अनुरोध किया है कि वे बच्चों के परिवहन के लिए अधिक सुरक्षित और मान्यता प्राप्त साधनों का उपयोग करें, जैसे कि स्कूल बसें, वैन, या अन्य पंजीकृत सार्वजनिक परिवहन सेवाएं।
अगर 1 अप्रैल 2025 के बाद भी ऑटो और ई-रिक्शा में स्कूली छात्रों को ले जाते हुए पकड़ा गया, तो वाहन मालिकों और चालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसमें चालान, लाइसेंस निलंबन, और वाहन जब्त करने जैसी सख्त सजा का प्रावधान किया गया है।
अभिभावकों की मिली-जुली प्रतिक्रिया
इस फैसले पर अभिभावकों की अलग-अलग राय देखने को मिल रही है। कुछ इसे बच्चों की सुरक्षा के लिए एक सही कदम मान रहे हैं, जबकि कुछ का कहना है कि ऑटो और ई-रिक्शा की सेवा बंद होने से अभिभावकों को स्कूल ट्रांसपोर्ट का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा।
बहरहाल, सरकार का यह फैसला छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने वाला कदम है, और अब देखने वाली बात यह होगी कि इसे कितनी प्रभावी तरीके से लागू किया जाता है।
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