
पटना: जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने पटना विश्वविद्यालय (Patna University) के गिरते शैक्षणिक स्तर और उसकी दुर्दशा के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि सरकार की उदासीनता और राजनीतिक स्वार्थ के कारण विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता में भारी गिरावट आई है।
पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में जनसुराज के उम्मीदवारों की घोषणा
प्रशांत किशोर ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में आगामी पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के लिए जनसुराज के उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की। उन्होंने बताया कि अध्यक्ष पद के लिए दिवेश दीनू को उम्मीदवार बनाया गया है। उपाध्यक्ष पद के लिए मो. दानिश वसीम (रुहान), संयुक्त सचिव पद के लिए अनु कुमारी, जनरल सेक्रेटरी पद के लिए ऋतंभना रॉय और कोषाध्यक्ष पद के लिए बृजेश कुमार को उम्मीदवार घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि जनसुराज के उम्मीदवार पटना विश्वविद्यालय में शिक्षा सुधार और छात्रहितों की रक्षा के लिए चुनाव लड़ रहे हैं।
“पटना विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता पूरी तरह से गिर चुकी है”
प्रशांत किशोर ने कहा कि 15-20 साल पहले पटना विश्वविद्यालय के छात्र सीधे आईएएस, आईपीएस जैसी प्रतिष्ठित सेवाओं में चयनित होते थे, लेकिन अब हालात बेहद खराब हो गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा नहीं दिया, जबकि राज्य सरकार ने भी इस दिशा में कोई ठोस प्रयास नहीं किया।
उन्होंने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार हमेशा भाजपा के साथ मंत्री पद और सीटों को लेकर मोलभाव करते रहे, लेकिन कभी भी पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने की शर्त गठबंधन में नहीं रखी। न ही राज्य सरकार ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता को सुधारने के लिए कोई प्रभावी कदम उठाया। प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि बिहार के युवा आज उच्च शिक्षा और रोजगार की तलाश में अन्य राज्यों का रुख करने को मजबूर हैं, जो सरकार की नीतियों की असफलता का संकेत है।
“नीतीश-भाजपा की नाकामी का नतीजा, जदयू को छात्र संघ में उम्मीदवार तक नहीं मिले”
प्रशांत किशोर ने यह भी दावा किया कि पटना विश्वविद्यालय की दुर्दशा का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस बार जेडीयू को छात्र संघ चुनाव में उम्मीदवार तक नहीं मिले। उन्होंने कहा कि यह दर्शाता है कि सरकार की नीतियों से छात्र पूरी तरह असंतुष्ट हैं। उन्होंने आगे कहा कि जनसुराज का उद्देश्य बिहार में शिक्षा के स्तर को सुधारना और छात्र राजनीति में एक नई सोच को लाना है।
पटना विश्वविद्यालय की स्थिति पर गरमाई सियासत
पटना विश्वविद्यालय के गिरते स्तर को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है। प्रशांत किशोर के इस बयान से बिहार की राजनीति में एक नई बहस छिड़ गई है। उन्होंने कहा कि जनसुराज की ओर से विजयी होने वाले छात्र प्रतिनिधि विश्वविद्यालय में पारदर्शिता, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और प्रशासनिक सुधार के लिए काम करेंगे। अब देखना होगा कि नीतीश कुमार और भाजपा इस मुद्दे पर क्या जवाब देते हैं और क्या सरकार विश्वविद्यालय के शैक्षणिक स्तर को सुधारने के लिए कोई ठोस पहल करती है या नहीं।
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