
बिहार की राजनीति में इन दिनों बयानबाजी का दौर चरम पर है। ताजा मामला तब गरमा गया जब उपमुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष पर तंज कसते हुए कहा, “ना पढ़ाई हुई, ना क्रिकेट खेला, बस पानी ढोते रह गए।” इस बयान के बाद सदन से लेकर सड़क तक हंगामा मच गया और विपक्ष ने इसे लेकर कड़ी आपत्ति जताई।
क्या है पूरा विवाद?
बिहार विधानसभा में एक बहस के दौरान उपमुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष के पुराने दिनों का जिक्र करते हुए कहा कि अगर वे पढ़ाई पर ध्यान देते, तो आज उनके तर्कों में गंभीरता होती। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि क्रिकेट के प्रति उनकी रुचि तो थी, लेकिन वहां भी वे सिर्फ पानी ही ढोते रहे।
यह बयान आते ही सदन में विपक्षी दलों ने हंगामा खड़ा कर दिया। विपक्ष का कहना है कि सत्ता पक्ष के नेता मुद्दों पर चर्चा करने के बजाय व्यक्तिगत हमले कर रहे हैं।
विपक्ष का पलटवार
विपक्ष ने उपमुख्यमंत्री के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। विपक्षी नेताओं ने इसे “अहंकार से भरा और अपमानजनक बयान” करार दिया और कहा कि इस तरह की टिप्पणियां लोकतंत्र की गरिमा के खिलाफ हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ऐसे बयान दे रही है।
सदन में हंगामा, कार्यवाही बाधित
विपक्ष ने इस बयान को लेकर सदन में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए बाधित करनी पड़ी। नेता प्रतिपक्ष ने सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि वे जनता के मुद्दों पर चर्चा से भाग रहे हैं और व्यक्तिगत हमले कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर बवाल
यह बयान सोशल मीडिया पर भी ट्रेंड कर रहा है। कुछ लोग इसे “हल्का-फुल्का मजाक” मान रहे हैं, जबकि कई इसे “नेता प्रतिपक्ष का अपमान” करार दे रहे हैं। ट्विटर और फेसबुक पर #BiharPolitics और #PoliticalAttack जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
आगे क्या?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान अब और तूल पकड़ेगा। अब देखना होगा कि नेता प्रतिपक्ष इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और क्या यह विवाद जल्द शांत होगा या आने वाले दिनों में और गरमाएगा।
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