
पटना: बिहार विधान परिषद में मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी के बीच तीखी बहस हो गई। आरजेडी विधायकों द्वारा हरे रंग के बैज पहनने पर सीएम नीतीश इस कदर नाराज हो गए कि उन्होंने राबड़ी देवी को निशाने पर लेते हुए कहा, “ये पार्टी तुम्हारी नहीं, तुम्हारे पति की है! तुम चुप रहो!
दरअसल, आरजेडी के विधान पार्षद हरे रंग के बैज लगाकर सदन में पहुंचे थे, जिन पर लिखा था – “तेजस्वी सरकार ने पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण बढ़ाया था, लेकिन बीजेपी सरकार ने आते ही इसे खत्म कर दिया।”
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया और एक आरजेडी विधायक को खड़ा कर कहा, “देखिए, यह तमाशा सिर्फ इसी पार्टी में हो सकता है!”
राबड़ी देवी के विरोध पर सीएम ने सुनाई खरी-खरी
नीतीश कुमार की टिप्पणी पर जब राबड़ी देवी ने विरोध जताया, तो मुख्यमंत्री ने उन्हें झिड़कते हुए कहा, “तुम इस मामले में मत पड़ो। ये पार्टी तुम्हारी नहीं, तुम्हारे पति की है!”
सीएम के इस बयान के बाद सदन में हंगामा मच गया। बीजेपी के नेता और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार का समर्थन करते हुए कहा, “आरक्षण बढ़ाने का फैसला पूरी सरकार का था, जिसे सभी ने समर्थन दिया था।”
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राबड़ी देवी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा, “यह बेचारी तो अपने पति के सहारे सत्ता में आई थीं!”
उन्होंने 1997 का जिक्र करते हुए कहा, “जब लालू प्रसाद यादव पर चारा घोटाले में सीबीआई ने आरोप तय किए, तो उन्होंने अपनी गृहिणी पत्नी को मुख्यमंत्री बना दिया और खुद परदे के पीछे से सरकार चलाने लगे।”
नीतीश के इस बयान पर आरजेडी विधायकों में नाराजगी फैल गई, जिसके बाद वे सदन के बाहर धरने पर बैठ गए।
आरजेडी की मांग – आरक्षण को मिले संवैधानिक सुरक्षा
आरजेडी नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि उनकी पार्टी फिर से पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण बढ़ाने की मांग करती है। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि इस कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची में डाला जाए, ताकि इसे न्यायिक समीक्षा से बचाया जा सके।
विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने सदन में हुए हंगामे पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि “मुख्यमंत्री जब सदन को संबोधित कर रहे हों, तो सभी सदस्यों को अनुशासन में रहना चाहिए।”
यह पहली बार नहीं है जब नीतीश कुमार और राबड़ी देवी के बीच सदन में तीखी बहस हुई हो। पिछले कुछ महीनों में दोनों नेताओं के बीच कई बार जुबानी जंग देखने को मिली है, लेकिन इस बार मुख्यमंत्री की निजी टिप्पणी ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
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