
दिल्ली के एक MCD स्कूल में शिक्षक की पिटाई से पहली कक्षा में पढ़ने वाले 6 वर्षीय मासूम छात्र को गंभीर चोटें आई हैं। बच्चे के माता-पिता का आरोप है कि शिक्षक ने इतनी जोर से थप्पड़ मारा कि उसके कान का परदा फट गया। डॉक्टरों ने जांच के बाद पुष्टि की कि मारपीट के कारण बच्चे की सुनने की क्षमता पर भी असर पड़ सकता है। इस घटना के बाद गुस्साए परिजनों ने स्कूल प्रशासन से शिकायत की, लेकिन संतोषजनक जवाब न मिलने पर उन्होंने पुलिस में मामला दर्ज कराया।
कैसे हुई घटना?
यह मामला दिल्ली के एक नगर निगम (MCD) स्कूल का है, जहां 6 वर्षीय छात्र के साथ शिक्षक द्वारा मारपीट की गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, शिक्षक ने किसी छोटी गलती के कारण गुस्से में बच्चे को कई बार थप्पड़ मारा, जिससे वह जमीन पर गिर गया और जोर-जोर से रोने लगा।
जब बच्चा घर पहुंचा तो उसके माता-पिता ने देखा कि उसका कान सूजा हुआ था और वह तेज दर्द की शिकायत कर रहा था। जब उसे अस्पताल ले जाया गया, तो डॉक्टरों ने बताया कि मारपीट की वजह से उसके कान का परदा फट गया है और इससे उसकी सुनने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।
माता-पिता और स्थानीय लोगों में आक्रोश
बच्चे के माता-पिता ने इस घटना पर नाराजगी जताते हुए कहा कि स्कूल में उनके बच्चे की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रशासन की थी, लेकिन शिक्षक की बर्बरता के कारण उनके बेटे को गंभीर चोट आई है। बच्चे की माँ ने रोते हुए कहा, “हम अपने बच्चे को पढ़ाई के लिए स्कूल भेजते हैं, लेकिन वहाँ उसके साथ हिंसा होती है। अगर शिक्षक ही ऐसा करेंगे, तो बच्चों का भविष्य क्या होगा?”
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग और अन्य अभिभावक भी स्कूल पहुंचे और प्रशासन से जवाब माँगने लगे। स्कूल प्रशासन पर सवाल उठाते हुए लोगों ने कहा कि बच्चों के साथ इस तरह का व्यवहार किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
स्कूल प्रशासन की प्रतिक्रिया
जब इस घटना को लेकर स्कूल प्रशासन से सवाल किया गया, तो शुरू में उन्होंने इसे एक छोटी घटना बताकर टालने की कोशिश की। हालांकि, जब मामला पुलिस तक पहुँचा और स्थानीय लोगों ने विरोध करना शुरू किया, तो प्रशासन ने कहा कि वे पूरे मामले की जांच करेंगे।
स्कूल के प्रधानाध्यापक ने कहा, “हम शिक्षकों को बच्चों के साथ संवेदनशील व्यवहार करने के निर्देश देते हैं। यदि कोई शिक्षक बच्चों के साथ गलत व्यवहार करता है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
पुलिस ने दर्ज किया मामला, शिक्षक पर हो सकती है सख्त कार्रवाई
परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शिक्षक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 323 (मारपीट) और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।
पुलिस अधिकारी ने कहा, “हम मामले की गंभीरता को देखते हुए विस्तृत जांच कर रहे हैं। यदि शिक्षक दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
बच्चों के साथ हिंसा पर उठ रहे सवाल
यह घटना केवल एक स्कूल तक सीमित नहीं है, बल्कि देशभर में स्कूलों में बच्चों के साथ बढ़ती हिंसा की ओर भी इशारा करती है। हालांकि, सरकार और शिक्षा विभाग ने स्कूलों में शारीरिक दंड पर प्रतिबंध लगा रखा है, लेकिन इसके बावजूद ऐसे मामले सामने आते रहते हैं।
शिक्षाविदों का कहना है कि बच्चों को अनुशासन सिखाने के लिए हिंसा का सहारा लेना बिल्कुल गलत है। दिल्ली के एक वरिष्ठ शिक्षाविद् ने कहा, “शिक्षक को गुस्से की बजाय धैर्य और समझदारी से काम लेना चाहिए। बच्चों पर हाथ उठाने की बजाय संवाद के जरिए अनुशासन सिखाना ज्यादा प्रभावी तरीका है।”
आगे क्या होगा?
अब इस मामले में पुलिस की जांच जारी है और शिक्षक पर कड़ी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है। परिजनों और स्थानीय लोगों की मांग है कि आरोपी शिक्षक को निलंबित किया जाए और स्कूल प्रशासन को भी जवाबदेह ठहराया जाए।
इस घटना ने एक बार फिर स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। सवाल यह उठता है कि आखिर कब तक मासूम बच्चे इस तरह की हिंसा का शिकार होते रहेंगे? सरकार और प्रशासन को चाहिए कि ऐसे मामलों को गंभीरता से लें और सख्त कानून लागू करें ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न दोहराई जाएँ
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