
झारखंड भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए एक नई राजनीतिक हलचल शुरू हो गई है। इस समय पार्टी में कई बड़े नेता इस पद के लिए लॉबिंग कर रहे हैं और अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए सक्रिय हैं। इन नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास से लेकर कई अन्य प्रमुख नेता शामिल हैं, जिनके बीच इस अहम पद को लेकर प्रतिस्पर्धा बढ़ती जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, रघुवर दास, जो पूर्व में झारखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं, प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए एक मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। उनका अनुभव और राज्य में पार्टी को मजबूत करने के लिए किए गए प्रयास उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार बनाते हैं। रघुवर दास की समर्थक टीम भी सक्रिय रूप से उनके पक्ष में लॉबिंग कर रही है, जिससे उनके पक्ष में माहौल तैयार हो रहा है।
इसके साथ ही, अन्य प्रमुख नेता भी इस पद की दौड़ में शामिल हैं। बीजेपी के कुछ वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि इस बार प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए किसी ऐसे नेता को चुना जाना चाहिए जो राज्य में पार्टी को नया दिशा देने और आगामी चुनावों में सफलता हासिल करने के लिए सक्षम हो। इन नेताओं में कुछ केंद्रीय मंत्री और सांसद भी शामिल हैं, जो पार्टी के अंदर अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने में जुटे हुए हैं।
बीजेपी के अंदर इस समय प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर जबर्दस्त लॉबिंग चल रही है। पार्टी के कुछ नेता और कार्यकर्ता इस बात से चिंतित हैं कि चुनावी समय में प्रदेश अध्यक्ष का पद काफी महत्वपूर्ण हो जाता है, इसलिए यह चुनाव पार्टी की भविष्यवाणी और सफलता के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। एक ओर जहां रघुवर दास के समर्थक उनके अनुभव और नेतृत्व को अहम मानते हैं, वहीं कुछ अन्य नेता नए चेहरे की उम्मीदवारी को लेकर विचार कर रहे हैं।
झारखंड बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि पार्टी हाईकमान प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए किसी ऐसे नेता का चयन करेगा, जो संगठनात्मक रूप से मजबूत हो और राज्य में बीजेपी की उपस्थिति को बढ़ा सके। इस मामले में राज्य के युवा नेताओं की भी प्रमुख भूमिका हो सकती है। हालांकि, वर्तमान समय में पार्टी में गुटबाजी और आंतरिक मतभेदों की स्थिति बनी हुई है, जिससे यह तय करना मुश्किल हो रहा है कि इस पद के लिए अंतिम चयन कौन सा नेता होगा।
इस बीच, झारखंड में आगामी चुनावों को देखते हुए पार्टी के अंदर हलचल तेज हो गई है। प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव पार्टी की रणनीति को आकार देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। अगर पार्टी सही समय पर इस पद का चुनाव करती है, तो यह आगामी चुनावों में बीजेपी के लिए एक बड़ा लाभ साबित हो सकता है।
आखिरकार, झारखंड बीजेपी के नेताओं के बीच इस प्रतिस्पर्धा और लॉबिंग के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन नेता प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अपनी दावेदारी को सफल बना पाता है।
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