
स्मार्ट मीटर के पीछे अदाणी का कनेक्शन? यूथ कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार को घेरा
बिहार में स्मार्ट मीटर को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। अब इस मुद्दे पर यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. ने NDA सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या स्मार्ट मीटर योजना के पीछे अदाणी ग्रुप का कोई कनेक्शन है? उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि इस योजना के तहत आम जनता को जबरन महंगी बिजली बिल भरने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जबकि इसका फायदा कुछ खास कॉरपोरेट कंपनियों को मिल रहा है।
यूथ कांग्रेस ने उठाए गंभीर सवाल
यूथ कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. ने सरकार से पूछा कि आखिर स्मार्ट मीटर लगाने का टेंडर किन कंपनियों को दिया गया और क्या इसमें अदाणी ग्रुप की कोई भूमिका है? उन्होंने कहा कि बिहार की जनता पहले से ही महंगाई की मार झेल रही है और अब स्मार्ट मीटर के नाम पर उन्हें और लूटा जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि स्मार्ट मीटर लगाने के बाद उपभोक्ताओं के बिजली बिल अचानक बढ़ गए हैं। कई उपभोक्ताओं ने शिकायत की है कि उनके मीटर बिना बिजली उपयोग किए ही यूनिट काउंट कर रहे हैं, जिससे उनका बिल दोगुना-तिगुना बढ़ गया है। इस मुद्दे पर यूथ कांग्रेस ने सरकार से पारदर्शिता की मांग की और कहा कि अगर इसमें कोई गड़बड़ी है, तो इसकी उच्चस्तरीय जांच कराई जानी चाहिए।
सरकार पर अदाणी ग्रुप को फायदा पहुंचाने का आरोप
यूथ कांग्रेस का आरोप है कि NDA सरकार लगातार अदाणी ग्रुप को फायदा पहुंचाने का काम कर रही है। उन्होंने दावा किया कि देश में कई बड़े सरकारी प्रोजेक्ट्स अदाणी समूह को सौंपे जा रहे हैं, जिससे यह शक गहराता जा रहा है कि सरकार जानबूझकर एक कॉरपोरेट कंपनी को लाभ पहुंचा रही है।
श्रीनिवास बी.वी. ने कहा कि पहले कोयला खदानों, हवाई अड्डों और रेलवे प्रोजेक्ट्स को अदाणी ग्रुप को सौंपा गया और अब बिजली वितरण के क्षेत्र में भी बड़े कॉरपोरेट्स को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार निर्दोष है, तो उसे इस मामले की निष्पक्ष जांच करानी चाहिए और जनता को यह बताना चाहिए कि स्मार्ट मीटर परियोजना में अदाणी ग्रुप की कोई भूमिका है या नहीं।
बिहार में बढ़ता जनाक्रोश
बिहार में स्मार्ट मीटर को लेकर जनता में भी आक्रोश बढ़ता जा रहा है। कई शहरों में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किए हैं और बिजली विभाग के खिलाफ नारेबाजी की है। आम उपभोक्ता इस बात से नाराज हैं कि बिना उनकी सहमति के स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं और इसका सीधा असर उनके बिजली बिलों पर पड़ रहा है।
सरकार की सफाई
इस पूरे विवाद पर बिहार सरकार का कहना है कि स्मार्ट मीटर लगाने का मकसद बिजली चोरी को रोकना और बिजली आपूर्ति में सुधार करना है। सरकार ने कहा कि टेंडर प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी थी और इसमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हुई है।
हालांकि, यूथ कांग्रेस इस सफाई से संतुष्ट नहीं है और उसने इस मामले की जांच की मांग की है। पार्टी ने कहा है कि अगर सरकार ने जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो पूरे बिहार में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।
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