
2025 के विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही बिहार में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत कई बड़े नेता राज्य का लगातार दौरा कर रहे हैं।
राहुल गांधी का बिहार दौरा: संविधान सम्मेलन से लेकर पदयात्रा तक
राहुल गांधी 7 अप्रैल को पटना पहुंच सकते हैं, जहां वे संविधान सुरक्षा सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इसके बाद उनके एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार की ‘पलायन रोको, नौकरी दो यात्रा’ में शामिल होने की संभावना है। कांग्रेस इस यात्रा को युवाओं और बेरोजगारी के मुद्दे पर केंद्रित करने की तैयारी कर रही है।
पीएम मोदी और अमित शाह की एंट्री
गृह मंत्री अमित शाह 29 मार्च को बिहार आ रहे हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 अप्रैल को राज्य का दौरा कर सकते हैं। माना जा रहा है कि भाजपा अपने संगठन को और मजबूत करने तथा 2025 चुनावों की रणनीति पर चर्चा करेगी।
कांग्रेस का ‘हर घर झंडा’ अभियान
पटना स्थित सदाकत आश्रम में कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी कि हर घर कांग्रेस का झंडा अभियान चलाया जाएगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार ने लोगों से आग्रह किया कि वे अपनी गाड़ियों और घरों पर कांग्रेस का झंडा लगाएं, जिससे पार्टी की उपस्थिति हर गली-मोहल्ले में दिखे।
बिहार कांग्रेस को मजबूत करने की कवायद
दिल्ली स्थित इंदिरा भवन में राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की मौजूदगी में बिहार कांग्रेस के नेताओं के साथ बैठक हुई। इस बैठक में जिला और बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने की रणनीति बनाई गई। कांग्रेस बिहार में अब अकेले खड़ी होने की कोशिश कर रही है।
कांग्रेस अब किसी की ‘बी टीम’ नहीं बनेगी
कांग्रेस नेता शकील अहमद खान ने कहा कि पार्टी वक्फ आंदोलन का समर्थन करती है और बिहार में अपनी स्वतंत्र पहचान बनाने की ओर बढ़ रही है। कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने स्पष्ट किया कि पार्टी अब किसी की बी टीम नहीं होगी और खुद को मजबूत करने के लिए नए सिरे से काम कर रही है।
राजद-कांग्रेस गठबंधन में खटास
हाल ही में बिहार कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने स्वीकार किया कि राजद की ताकत कांग्रेस से अधिक है। इसके अलावा, राजद की इफ्तार पार्टी में कांग्रेस के बड़े नेताओं की गैरमौजूदगी ने गठबंधन के भविष्य को लेकर अटकलें तेज कर दी हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस बिहार में अपनी अलग पहचान बनाने की रणनीति पर काम कर रही है और राजद पर अधिक निर्भर नहीं रहना चाहती।
बिहार की राजनीति में भाजपा, कांग्रेस और राजद अपनी-अपनी ताकत आजमाने में जुटे हैं। जहां राहुल गांधी कांग्रेस को पुनर्जीवित करने में लगे हैं, वहीं भाजपा अमित शाह और मोदी के दम पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है। बिहार में आने वाले दिनों में सियासी घमासान और तेज होने वाला है।
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