
मुजफ्फरपुर। जिले के रेलवे स्टेशन के पास स्थित एक मंदिर को तोड़े जाने के विरोध में शुक्रवार को शहर में उग्र प्रदर्शन हुआ। हजारों की संख्या में हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए और “मंदिर वहीं बनाएंगे” के नारों के साथ विरोध जताया। प्रदर्शनकारियों ने बैनर और पोस्टर के साथ शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर सरकार और रेलवे प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
शहरभर में प्रदर्शन, दुकानों पर असर
शहर के प्रमुख स्थानों जैसे कलमबाग चौक, अघोरिया बाजार, हरीसभा चौक, कल्याणी चौक, धर्मशाला, मोतीझील और सरैयागंज टावर पर प्रदर्शनकारियों ने आम जनता से बंद का समर्थन करने की अपील की। कई दुकानदारों ने भी नैतिक समर्थन जताते हुए अपनी दुकानें बंद रखीं। विरोध प्रदर्शन के कारण शहर के कई इलाकों में यातायात बाधित रहा।
कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात
बढ़ते विरोध को देखते हुए प्रशासन ने अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की, ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे। पुलिस अधिकारी स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए थे और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए विशेष सतर्कता बरती गई।
रेल मंत्री के खिलाफ नारों की गूंज
प्रदर्शनकारियों ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और मांग की कि रेलवे प्रशासन मंदिर का पुनर्निर्माण उसी स्थान पर करे। विश्व हिंदू परिषद (VHP) और अन्य संगठनों ने इसे धार्मिक आस्था पर हमला बताया और कहा कि हिंदू समाज इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।
VHP की चेतावनी – मंदिर वहीं बनेगा
विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष संजीव सिंह ने रेलवे प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा, “यह मंदिर हिंदुओं की आस्था का केंद्र था, जिसे रातों-रात तोड़ दिया गया। हम इसे फिर से उसी स्थान पर बनाएंगे और अगर प्रशासन ने रुकावट डाली, तो बड़ा आंदोलन होगा।” उन्होंने आगे कहा कि संगठन लगातार मंदिर को बचाने की गुहार लगा रहा था, लेकिन उनकी बात को अनसुना कर दिया गया।
जनता का बढ़ता समर्थन
यह आंदोलन सिर्फ हिंदू संगठनों तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि आम जनता भी इसमें शामिल हो गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कार्रवाई हिंदू आस्था का अपमान है और मंदिर को पुनर्स्थापित करने की मांग को लेकर वे पूरी तरह प्रदर्शनकारियों के साथ हैं।
प्रशासन की सख्ती और सतर्कता
प्रशासन की ओर से कहा गया है कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए विशेष सतर्कता बरती जा रही है। रेलवे प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों के बीच इस मुद्दे को लेकर चर्चाएं जारी हैं, लेकिन प्रदर्शनकारी मंदिर के पुनर्निर्माण से कम पर राजी नहीं हैं।
मुजफ्फरपुर में मंदिर गिराए जाने की घटना ने पूरे शहर को आंदोलित कर दिया है। हिंदू संगठनों और आम जनता का संयुक्त विरोध तेज होता जा रहा है। पुलिस प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने में जुटा हुआ है, लेकिन प्रदर्शनकारियों की मांग साफ है—मंदिर वहीं बनेगा! अब देखना यह होगा कि सरकार और रेलवे प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाते हैं।
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