
पटना। बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा शिक्षा के विस्तार के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य में आने वाले वर्षों में 22 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों का निर्माण किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बजट भाषण में घोषणा की कि इन नए कॉलेजों के शुरू होने के बाद MBBS सीटों की संख्या बढ़कर 2350 हो जाएगी, जबकि अस्पतालों में बेड की संख्या 9900 तक पहुंच जाएगी।
मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा और प्रशासनिक मंजूरी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के दौरान जिन जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की गई थी, उन सभी को प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है। इसके अलावा, विक्रम मोहनिया और करहरा में अत्याधुनिक ट्रामा सेंटर स्थापित किए जाएंगे, जिससे गंभीर मरीजों को त्वरित उपचार मिल सकेगा।
बिहार में मौजूदा चिकित्सा शिक्षा व्यवस्था
वर्तमान में बिहार में 12 सरकारी और 9 निजी मेडिकल कॉलेज कार्यरत हैं। सरकारी मेडिकल कॉलेजों में MBBS की कुल 1520 सीटें उपलब्ध हैं, जबकि निजी मेडिकल कॉलेजों में 1350 सीटें हैं। अस्पतालों में बेड की संख्या की बात करें तो सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में 11,162 बेड और निजी अस्पतालों में 7822 बेड उपलब्ध हैं। नए मेडिकल कॉलेज बनने से सरकारी क्षेत्र में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में भारी इजाफा होगा।
नए मेडिकल कॉलेजों का विस्तार
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि पांच जिलों – पूर्णिया, बेतिया, मधेपुरा, समस्तीपुर और सारण में मेडिकल कॉलेज अस्पतालों का निर्माण पूरा हो चुका है और इनका उद्घाटन किया जा चुका है।
इसके अलावा, 10 अन्य जिलों में मेडिकल कॉलेज अस्पतालों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इनमें शामिल हैं:
राजकीय मेडिकल कॉलेज, सीतामढ़ी ,झंझारपुर ,सिवान ,बक्सर ,जमुई ,बेगूसराय, वैशाली ,मुंगेर ,सुपौल,आरा
इसके अतिरिक्त, मोतिहारी, गोपालगंज और सहरसा में भी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के निर्माण की स्वीकृति मिल चुकी है और जल्द ही इनका निर्माण कार्य शुरू होगा।
स्वास्थ्य सेवाओं को मिलेगी मजबूती
प्रदेश में 22 नए मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के निर्माण से न केवल चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता भी बेहतर होगी। सरकार का यह कदम ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुलभ बनाएगा। साथ ही, नए मेडिकल कॉलेजों के खुलने से डॉक्टरों की संख्या में वृद्धि होगी और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
ट्रामा सेंटर से मिलेगी आपातकालीन चिकित्सा सुविधा
विक्रम मोहनिया और करहरा में स्थापित किए जाने वाले ट्रामा सेंटर प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नई क्रांति लाएंगे। इन अत्याधुनिक केंद्रों की मदद से दुर्घटनाओं और अन्य आपातकालीन परिस्थितियों में मरीजों को तेजी से इलाज मिल सकेगा।
निष्कर्ष
बिहार सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना प्रदेश के चिकित्सा ढांचे को नए आयाम देगी। 22 नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण से MBBS सीटों और अस्पतालों के बेड की संख्या में बढ़ोतरी होगी। साथ ही, ट्रामा सेंटर और उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार से राज्य के नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएं मिलेंगी। यह पहल बिहार को स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
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