
वाशिंगटन: भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर नासा के मिशन के तहत 9 महीने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में बिताने के बाद सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौट आए हैं। उनकी यह यात्रा केवल 8 दिन की होनी थी, लेकिन तकनीकी कारणों के चलते यह मिशन लंबा खिंच गया। अब वैज्ञानिकों की नजर उनके स्वास्थ्य पर टिकी है, क्योंकि लंबी अंतरिक्ष यात्रा के बाद शरीर को पृथ्वी के वातावरण में ढलने में समय लगता है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव: कैसी होंगी चुनौतियाँ?
अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण (microgravity) की कमी के कारण मानव शरीर पर कई प्रभाव पड़ते हैं। सुनीता विलियम्स के लिए आने वाले कुछ हफ्ते बेहद महत्वपूर्ण होंगे, क्योंकि नासा की मेडिकल टीम उनके शरीर में होने वाले परिवर्तनों की निगरानी करेगी।
मुख्य स्वास्थ्य चुनौतियाँ:
- मांसपेशियों और हड्डियों की कमजोरी:
अंतरिक्ष में महीनों बिताने के बाद हड्डियाँ और मांसपेशियाँ कमजोर हो जाती हैं। पृथ्वी पर लौटने के बाद शरीर को दोबारा ताकत हासिल करने में समय लगेगा। - हृदय प्रणाली पर असर:
माइक्रोग्रैविटी में लंबे समय तक रहने से हृदय की मांसपेशियों पर असर पड़ता है, जिससे रक्तचाप और हृदय गति में बदलाव हो सकता है। - दृष्टि संबंधी समस्याएँ:
कई अंतरिक्ष यात्रियों की दृष्टि कमजोर हो जाती है, क्योंकि तरल पदार्थों का प्रवाह बदल जाता है, जिससे आँखों पर दबाव बढ़ता है। - संतुलन और चलने में परेशानी:
पृथ्वी पर लौटने के बाद शरीर को ग्रैविटी का फिर से अनुभव करना पड़ता है, जिससे शुरुआती दिनों में संतुलन और चलने-फिरने में कठिनाई हो सकती है। - मनोवैज्ञानिक चुनौतियाँ:
महीनों तक अंतरिक्ष में रहने के बाद कुछ यात्रियों में तनाव और अवसाद जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं। पृथ्वी पर लौटने के बाद पुनर्वास कार्यक्रम इसमें मदद करेगा।
अंतरिक्ष से धरती तक का सफर
स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल के माध्यम से सुनीता विलियम्स और उनकी टीम ने फ्लोरिडा के तट पर सुरक्षित लैंडिंग की। नासा के वैज्ञानिक और मेडिकल विशेषज्ञ अब उनके स्वास्थ्य की निगरानी करेंगे और पुनर्वास प्रक्रिया शुरू करेंगे।
भविष्य के मिशनों के लिए सबक
नासा इस मिशन से मिले अनुभवों का उपयोग भविष्य के मंगल और चंद्रमा मिशनों के लिए करेगा। सुनीता विलियम्स की लंबी अंतरिक्ष यात्रा और उससे जुड़े स्वास्थ्य अध्ययन वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद करेंगे कि इंसान को लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने के लिए किस तरह तैयार किया जा सकता है।
भारत में जश्न का माहौल
सुनीता विलियम्स की इस सफल वापसी से भारत में भी खुशी की लहर है। उनके पैतृक गांव में लोग उनकी उपलब्धि का जश्न मना रहे हैं। उनके परिवार और प्रशंसकों को उम्मीद है कि वह जल्द ही सार्वजनिक रूप से अपनी इस यात्रा के अनुभव साझा करेंगी।
निष्कर्ष:
हालांकि सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष में 9 महीने सफलतापूर्वक बिताए, लेकिन अब उनकी असली चुनौती पृथ्वी पर शुरू हुई है। वैज्ञानिकों की नजर उनके स्वास्थ्य पर बनी हुई है, और आने वाले हफ्ते यह तय करेंगे कि उनकी रिकवरी कितनी तेजी से होती है।
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