
बिहार में शुद्ध पेयजल आपूर्ति को सुनिश्चित करने और जल संकट से राहत देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को ‘हर घर नल का जल’ निश्चय योजना के तहत 7166 करोड़ छह लाख रुपये की लागत वाली जलापूर्ति परियोजनाओं और विभिन्न भवन संरचनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास, 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ सभागार में आयोजित किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (PHED) के नए मुख्यालय भवन का भी शिलान्यास किया, जिसकी अनुमानित लागत 83 करोड़ रुपये है। यह भवन जल प्रबंधन और प्रशासनिक कार्यों को अधिक प्रभावी और सुचारु बनाने में मदद करेगा।
हर घर तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाने की दिशा में बड़ा कदम
‘हर घर नल का जल’ योजना बिहार सरकार की सात निश्चय योजनाओं में से एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य प्रदेश के हर नागरिक तक स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल पहुंचाना है। इस योजना के अंतर्गत घोषित नई जलापूर्ति परियोजनाएं लाखों लोगों को लाभान्वित करेंगी, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां गर्मियों में जल संकट गंभीर हो जाता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सरकार प्रदेश के सभी घरों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में योजनाओं का तेजी से क्रियान्वयन किया जा रहा है।
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को नया मुख्यालय
83 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के नए मुख्यालय भवन को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भवन विभाग की कार्यक्षमता को बेहतर बनाएगा और जलापूर्ति से जुड़ी योजनाओं को और अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने में सहायक होगा। आधुनिक सुविधाओं से लैस यह नया मुख्यालय जल आपूर्ति से संबंधित कार्यों की निगरानी, प्रबंधन और संचालन को अधिक सुव्यवस्थित बनाएगा, जिससे विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को सुचारु रूप से कार्य करने में मदद मिलेगी।
जल संकट से राहत, स्वस्थ और स्वच्छ बिहार की ओर कदम
बिहार के कई इलाकों में हर साल गर्मियों के दौरान जल संकट गंभीर रूप धारण कर लेता है। ऐसे में इन नई जलापूर्ति परियोजनाओं से राज्य के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ जल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी, जिससे जलजनित बीमारियों में कमी आएगी और लोगों का जीवन स्तर बेहतर होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि शुद्ध पेयजल की उपलब्धता से राज्य में स्वास्थ्य और स्वच्छता में सुधार होगा और लोगों को दूषित जल से होने वाली बीमारियों से राहत मिलेगी।
रोजगार और आर्थिक विकास को मिलेगा बढ़ावा
इन जलापूर्ति परियोजनाओं से न केवल पेयजल संकट से राहत मिलेगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। निर्माण कार्यों से लेकर रखरखाव तक, इस परियोजना के माध्यम से हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं से बिहार में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और जल संरचनाओं का एक मजबूत आधार तैयार होगा, जिससे आने वाली पीढ़ियों को भी लाभ मिलेगा।
सात निश्चय योजना के तहत विकास कार्य जारी
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर यह भी स्पष्ट किया कि बिहार सरकार सात निश्चय योजना के तहत सभी बुनियादी सुविधाओं को प्रत्येक नागरिक तक पहुंचाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि ‘हर घर नल का जल’ योजना का लाभ प्रत्येक गांव और शहर तक पहुंचाने के लिए विशेष निगरानी की जा रही है, ताकि परियोजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वयन हो सके। इसके अलावा, अन्य विकास परियोजनाओं को भी गति देने पर जोर दिया जा रहा है, जिससे राज्य के हर नागरिक को बुनियादी सुविधाएं समय पर मिल सकें।
बिहार के भविष्य के लिए एक मजबूत आधार
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार को एक विकसित और आत्मनिर्भर राज्य बनाने की दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है। जलापूर्ति परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास राज्य के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में और भी कई योजनाओं को लागू किया जाएगा, जिससे हर नागरिक को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें।
राज्य सरकार का मानना है कि जल प्रबंधन को मजबूत करने और जल संकट से निपटने के लिए उठाए गए ये कदम बिहार के समग्र विकास में अहम भूमिका निभाएंगे। इन परियोजनाओं से राज्य में जल संरचनाओं का एक व्यापक और सुदृढ़ नेटवर्क तैयार होगा, जिससे भविष्य में जल संरक्षण और जल आपूर्ति की गुणवत्ता को और अधिक बेहतर बनाया जा सकेगा।
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