
गया: रांची से पटना जा रही जन शताब्दी एक्सप्रेस पर गया स्टेशन के पास अज्ञात असामाजिक तत्वों ने अचानक पथराव कर दिया। इस घटना में ट्रेन की एक बोगी की खिड़की टूट गई और दो यात्री घायल हो गए। घटना के बाद ट्रेन में सवार यात्रियों में दहशत का माहौल बन गया। रेलवे प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है और सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा करने का निर्देश दिया है।
रात के समय हुआ हमला, यात्री सहमे
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह घटना गया स्टेशन से कुछ किलोमीटर पहले रात के समय हुई, जब जन शताब्दी एक्सप्रेस पटना की ओर बढ़ रही थी। अचानक ट्रेन पर तेजी से पत्थर बरसाए गए, जिससे खिड़कियों के शीशे टूट गए। पथराव के कारण बोगी में बैठे यात्रियों में हड़कंप मच गया और वे अपनी सीटों से उठकर सुरक्षित स्थानों पर जाने लगे। इस हमले में दो यात्रियों को चोटें आईं, जिन्हें रेलवे चिकित्सा दल ने प्राथमिक उपचार दिया।
घटना के बाद ट्रेन को बिना किसी देरी के पटना की ओर रवाना कर दिया गया, लेकिन इस अप्रत्याशित हमले ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यात्रियों की सुरक्षा पर उठे सवाल
पथराव की घटना के बाद कई यात्रियों ने रेलवे प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। कई यात्रियों का कहना है कि ट्रेन की सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए, खासकर उन क्षेत्रों में जहां पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं।
एक यात्री ने कहा, “हम ट्रेन से सफर कर रहे थे कि अचानक तेज आवाज आई और कांच टूटने लगे। हम डर गए और सीट से हट गए। रेलवे को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।”
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब किसी ट्रेन पर पथराव की घटना हुई हो। इससे पहले भी बिहार और झारखंड के कुछ रेलवे रूटों पर इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
रेलवे प्रशासन अलर्ट, जांच शुरू
घटना के तुरंत बाद रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और गया रेलवे स्टेशन प्रशासन हरकत में आ गया। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि हमले के पीछे किन लोगों का हाथ है, इसका पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी गई है।
रेलवे पुलिस अधीक्षक (RPF) ने बताया, “हम इस मामले को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं। अपराधियों की पहचान के लिए गया स्टेशन और आसपास के इलाकों में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। साथ ही, यात्रियों से भी पूछताछ की जा रही है।”
इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे ने सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने का फैसला किया है। खासतौर पर उन इलाकों में, जहां इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं।
ट्रेन पर पथराव: कानूनन अपराध
गौरतलब है कि चलती ट्रेन पर पत्थरबाजी करना एक गंभीर अपराध है, और रेलवे अधिनियम के तहत इसमें सख्त सजा का प्रावधान है। दोषियों को 10 साल तक की जेल हो सकती है। रेलवे अधिकारियों ने स्थानीय प्रशासन से भी अनुरोध किया है कि वे असामाजिक तत्वों पर कड़ी नजर रखें और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं।
यात्रियों को मिली यह सलाह
रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि यदि वे यात्रा के दौरान किसी संदिग्ध गतिविधि को देखें तो तुरंत रेलवे हेल्पलाइन (रेलवे सुरक्षा नंबर 182) पर सूचित करें।
यात्रियों के लिए जरूरी सुझाव:
ट्रेन यात्रा के दौरान खिड़कियों के पास सतर्क रहें।
संदिग्ध गतिविधि देखते ही रेलवे अधिकारियों को तुरंत सूचित करें।
यात्रा के दौरान रेलवे की हेल्पलाइन का उपयोग करें।
रेलवे प्रशासन द्वारा जारी सुरक्षा निर्देशों का पालन करें।
निष्कर्ष
गया स्टेशन के पास जन शताब्दी एक्सप्रेस पर हुए पथराव ने यात्रियों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना में दो यात्री घायल हो गए और ट्रेन की खिड़कियों को नुकसान पहुंचा। रेलवे ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और सुरक्षा को और कड़ा करने की बात कही है।
अब यह देखना होगा कि रेलवे प्रशासन इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाता है, ताकि भविष्य में यात्री निर्भय होकर सफर कर सकें।
पटना में 25-26 फरवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का दौरा, ट्रैफिक प्लान में बड़ा बदला