
पटना: महाकुंभ 2025 में आस्था की डुबकी लगाने का सपना लिए हजारों श्रद्धालु ट्रेन में सवार हुए थे, लेकिन पटना जंक्शन पर अचानक उनके सफर पर ब्रेक लग गया। पुलिस ने कई यात्रियों को ट्रेन से नीचे उतार दिया, जिससे स्टेशन पर अफरा-तफरी मच गई।
यात्री नाराज थे क्योंकि उनके पास कंफर्म टिकट होने के बावजूद उन्हें जबरन ट्रेन से उतरने के लिए मजबूर किया गया। प्रशासन ने इस कार्रवाई का कारण ट्रेन में भारी भीड़ और सुरक्षा कारणों को बताया, लेकिन यात्रियों के लिए यह एक बड़ा झटका था।
क्यों उतारे गए यात्री?
सूत्रों के मुताबिक, ट्रेन में पहले से ही जरूरत से ज्यादा भीड़ थी। प्रशासन का कहना है कि कई यात्री बिना टिकट भी सफर कर रहे थे, जिससे हालात और बिगड़ गए। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि भारी भीड़ के कारण सुरक्षा बनाए रखना मुश्किल हो रहा था, जिसके चलते पुलिस को यात्रियों को उतारने के निर्देश दिए गए।
हालांकि, यात्रियों का आरोप है कि उनके पास वैध रिजर्वेशन होने के बावजूद उन्हें ट्रेन से नीचे उतार दिया गया, जबकि कुछ अवैध रूप से यात्रा कर रहे लोग ट्रेन में ही बने रहे।
यात्रियों का गुस्सा फूटा
स्टेशन पर रोके गए श्रद्धालु बेहद नाराज नजर आए। कई यात्रियों ने स्टेशन पर ही विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया और रेलवे प्रशासन से जवाब मांगा।
बक्सर से आए रामनाथ तिवारी ने गुस्से में कहा, “हमने महीनों पहले टिकट बुक कराया था, फिर भी हमें क्यों उतार दिया गया? रेलवे खुद टिकट जारी करता है और फिर खुद ही यात्रियों को ट्रेन से उतार देता है। यह अन्याय है!”
वहीं, बनारस जाने वाली ट्रेन से उतारी गई एक महिला यात्री, गीता देवी ने रोते हुए कहा, “हमने कुंभ में स्नान करने का संकल्प लिया था, लेकिन अब न जाने कितने घंटे और इंतजार करना पड़ेगा।”
प्रशासन की सफाई
रेलवे और पुलिस प्रशासन का कहना है कि यह फैसला यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया। रेलवे अधिकारी के मुताबिक, “कुछ ट्रेनों में क्षमता से अधिक लोग सवार हो गए थे, जिससे कुंभ यात्रियों के लिए यात्रा करना असुरक्षित हो सकता था।”
पुलिस अधिकारियों ने भी भीड़ नियंत्रण को लेकर यह कार्रवाई की। उनका कहना है कि जिन यात्रियों को उतारा गया, उन्हें वैकल्पिक ट्रेनों से भेजने की कोशिश की जा रही है।
आगे क्या होगा?
यह घटना कुंभ जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ा झटका है। प्रशासन ने हालांकि यात्रियों को भरोसा दिलाया है कि अगले कुछ दिनों में अतिरिक्त ट्रेनों की व्यवस्था की जाएगी ताकि अधिक से अधिक लोगों को प्रयागराज तक पहुंचाया जा सके।
फिर भी, इस घटना ने रेलवे प्रबंधन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या प्रशासन सही समय पर भीड़ प्रबंधन नहीं कर पाया? क्या यात्रियों के लिए कोई अन्य विकल्प नहीं दिया जा सकता था? ये सवाल अभी भी अनुत्तरित हैं।
महाकुंभ 2025 में शामिल होने के लिए लाखों लोग यात्रा कर रहे हैं, लेकिन इस तरह की घटनाओं से यात्री परेशान हो रहे हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन इस स्थिति को कैसे संभालता है और कुंभ यात्रियों को राहत कैसे प्रदान करता है।
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