नई दिल्ली। बिहार से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के 30 सांसदों ने शुक्रवार को संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान जदयू के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह तथा लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान पीएम मोदी के साथ नजर आए। बैठक में बिहार के विकास, आगामी लोकसभा चुनाव और संगठनात्मक मजबूती को लेकर विस्तृत चर्चा हुई।
मांझी की अनुपस्थिति पर अटकलें
हालांकि, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी बैठक में शामिल नहीं हुए। उनकी अनुपस्थिति को लेकर सियासी गलियारों में अटकलों का दौर तेज हो गया है। एनडीए सूत्रों का कहना है कि मांझी किसी अन्य व्यस्तता के कारण बैठक में नहीं आ सके, लेकिन इसे लेकर आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बिहार में घटते जनाधार और आगामी चुनावी गणित को लेकर उनकी नाराजगी का संकेत भी हो सकता है।

पीएम मोदी का निर्देश: ‘एकजुट रहें’
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए सांसदों से आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सुझाव मांगे और गठबंधन की एकजुटता बनाए रखने पर जोर दिया। उन्होंने सांसदों से कहा कि जमीनी स्तर पर जनता के बीच अधिक सक्रिय रहें और सरकार की योजनाओं को प्रभावी तरीके से पहुंचाएं।
बिहार में एनडीए की मजबूती पर चर्चा
सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में बिहार में एनडीए को मजबूत करने और विपक्षी दलों खासकर राजद-कांग्रेस गठबंधन को टक्कर देने की रणनीति पर मंथन हुआ। जदयू और भाजपा नेताओं ने बिहार में केंद्र की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने और जनता तक पहुंचाने की रणनीति पर चर्चा की।
बैठक में शामिल अन्य नेताओं में बिहार भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी, डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय, गिरिराज सिंह, अश्विनी चौबे सहित कई प्रमुख सांसद शामिल थे।
क्या बिहार में एनडीए में सबकुछ ठीक है?
विशेषज्ञों का मानना है कि बिहार में एनडीए के भीतर सीट बंटवारे और कई अन्य मुद्दों को लेकर अंदरखाने असंतोष की स्थिति बनी हुई है। मांझी की गैर-मौजूदगी ने इस असंतोष को और हवा दे दी है। हालांकि, जदयू और भाजपा नेताओं ने इसे सामान्य बैठक बताया और कहा कि गठबंधन पूरी तरह से एकजुट है।
अब सबकी निगाहें आगामी लोकसभा चुनावों में एनडीए की रणनीति और सीट बंटवारे पर टिकी हैं।